Haryana PCS Current Affairs 4TH Feb 2020
DATE – 04 Feb 2021 (Thursday)
‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020′
चर्चा में क्यो?
- लोकसभा ने पिछले वर्ष मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट-1971 में संशोधन का प्रस्ताव करते हुए ‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020′ (The Medical Termination of Pregnancy (Amendment) Bill-2020) पारित कर दिया था.
- इस विधेयक को वर्तमान में जारी बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है. यह बिल प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने सहित कई संशोधनों को प्रस्तावित किया गया हैं
कहा हो सकता है परिवर्तन ?
- वर्तमान में 20 सप्ताह तक के भ्रूण के समापन की अनुमति है. अब इस अवधि को 24 सप्ताह किया जा रहा है.
- वर्तमान प्रावधान के अनुसार, गर्भ निरोध की विफलता से सम्बंधित उपवाक्य में मात्र “विवाहित स्त्री अथवा उसके पति” का उल्लेख है. अब यह “किसी भी स्त्री अथवा उसके साथी” पर भी लागू होगा.
- प्रारूप विधेयक में यह प्रावधान किया जा रहा है कि 20 सप्ताह के गर्भ की समाप्ति के लिए एक पंजीकृत चिकित्सा डॉक्टर (registered medical practitioner – RMP) का मन्तव्य अपेक्षित होगा.
- परन्तु 20 से लेकर 24 सप्ताह के गर्भ की समाप्ति के लिए दो पंजीकृत डॉक्टरों का मंतव्य अनिवार्य होगा.
- विधेयक में गर्भ के समापन के लिए बढ़ाई गई समय-सीमा (20 सप्ताह से 24 सप्ताह) उन स्त्रियों पर भी लागू होगी जो बलात्कार के बाद जीवित हों, जो कौटुम्बिक व्यभिचार की शिकार हों आदि.
शहरी जल जीवन मिशन
चर्चा में क्यों ?
- शहरी क्षेत्र में सार्वभौमिक जल आपूर्ति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 के केंद्रीय बजट में – जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा की है
- इसका उद्देश्य 2024 तक सभी ग्रामीण और शहरी घरों (हर घर जल) में नलके से पानी पहुँचाना हैं
क्या हैं जल जीवन अभियान?
- जल जीवन अभियान की घोषणा अगस्त, 2019 में हुई थी.
- अभियान का उद्देश्य है वर्षा जल संग्रह, भूजल वापसी और घर से निकलने वाले अपशिष्ट जल को खेती में प्रयोग करने से सम्बंधित स्थानीय अवसंरचनाओं का निर्माण करना.
- जल जीवन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के अनेक कार्य किये जाएँगे, जैसे – पॉइंट रिचार्ज, छोटे सिंचाई जलाशयों से गाद निकालना, अपशिष्ट जल को खेती में डालना और जल स्रोतों को टिकाऊ बनाना.
- सतत जल आपूर्ति के लक्ष्य को पाने के लिए जल जीवन अभियान में अन्य केन्द्रीय और राज्य योजनाएँ समाहित की जाएँगी.
परमाणु चिकित्सा के उत्पादन के लिए पहला सार्वजनिक निजी भागीदारी अनुसंधान रिएक्टर
चर्चा में क्यों ?
प्रस्तावित भागीदारी के अंतर्गत, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) विभिन्न प्रकार की नाभिकीय औषधियों के उत्पादन की तकनीक को साझा करने के लिए तैयार है.
महत्व
- निजी संस्थाओं को रिएक्टर और प्रसंस्करण प्रतिष्ठानों में निवेश करने के प्रतिफल में अनुसंघान रिएक्टर में उत्पादित आइसोटोप (समस्थानिक) को संसाधित करने तथा विपणन करने के लिए विशेष अधिकार प्राप्त होंगे.
- यह परियोजना चिकित्सा और औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख रेडियो आइसोटोप में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करेगी.
रासायनिक परीक्षण के लिए स्वदेशी संदर्भ सामग्री (आरएम)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में, रासायनिक परीक्षण के लिए स्थानीय संदर्भ सामग्री (RM) को विकसित किया गया था.
मुख्य बिंदु
- संदर्भ सामग्री (RM) का उपयोग डोप परीक्षण के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण उद्देश्यों के लिए किया जाता है. इसलिए, वैश्विक स्तर पर खेलों में डोप परीक्षण में उनकी उपलब्धता महत्त्वपूर्ण बनी हुई है.
- संदर्भ सामग्री (RM) की पहचान विश्व स्तर पर एक दुर्लभ सामग्री के रूप में की गई है. इसका उपयोग विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा/ WADA) से मान्यता प्राप्त सभी प्रयोगशालाओं में एंटी-डोपिंग उपायों को मजबूत करने के लिए किया जाएगा.
स्टारडस्ट 1.0: जैव ईंधन चालित पहला रॉकेट
संदर्भ:
- 31 जनवरी को ‘मेन (Maine)’, अमेरिका स्थित लोरिंग कॉमर्स सेंटर से स्टारडस्ट 0 प्रक्षेपित किया गया था।
- यह जैव ईंधन चालित पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण बन गया है। ये जैवईंधन, पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले रॉकेट ईंधन के विपरीत पर्यावरण के लिए अ-हानिकारक है।
- ‘स्टारडस्ट 0’ (Stardust 1.0), छात्रों एवं बजट पेलोड के लिए उपयुक्त एक प्रक्षेपण वाहन है।
‘जैवईंधन’ क्या होते हैं?
- कोई भी हाइड्रोकार्बन ईंधन, जो किसी कार्बनिक पदार्थ (जीवित अथवा मृत पदार्थ) से कम समय (दिन, सप्ताह या महीने) में निर्मित होता है, जैव ईंधन (Biofuels) माना जाता है।
- जैव ईंधन प्रकृति में ठोस, तरल या गैसीय हो सकते हैं।
- ठोस: लकड़ी, पौधों से प्राप्त सूखी हुई सामग्री, तथा खाद
- तरल: बायोएथेनॉल और बायोडीजल
- गैसीय: बायोगैस
Current affairs MCQ 4th feb 2021
Q 1: विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetland Day) निम्न में से किस दिन मनाया जाता है?
- 10 जनवरी
- 12 मार्च
- 5 अप्रैल
- 2 फरवरी
Ans.(d)
Explanation
विश्व स्तर पर हर साल 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस यानि विश्व वेटलैंड्स दिवस मनाया जाता है. आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन, आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिये किया जाता है. विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 2 फरवरी 1997 को रामसर सम्मलेन के 16 वर्ष पूरे होने पर मनाया गया था. आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है. आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है.
Q 2: हाल ही में किस राज्य के मुख्यमंत्री ने ‘हर घर पानी, हर घर सफाई’ मिशन लांच किया है?
- बिहार
- झारखंड
- पंजाब
- तमिलनाडु
Ans.(c)
Explanation
हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ‘हर घर पानी, हर घर सफाई’ मिशन लांच किया है. यह मिशन 2022 तक सभी ग्रामीण घरों में 100 प्रतिशत पाइप से जलापूर्ति के लक्ष्य को पूरा करने के सरकार के अभियान का हिस्सा है. इस योजना से अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर जिलों के 155 गाँवों के 6 लाख निवासियों को लाभ होगा. यह योजना आर्सेनिक प्रभावित बस्तियों की समस्या को हल करेगी. इस योजना को विश्व बैंक, नाबार्ड, भारत सरकार के जल जीवन मिशन और राज्य बजट द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है.
Q 3: हरियाणा के किस विश्वविद्यालय ने सीसीएसएचएयू-ई लाइब्रेरी एप को लांच किया है ?
- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
- चौधरी बंशीलाल विश्वविद्यालय
- चौधरी छोटूराम विश्वविद्यालय
- लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय
Ans.(a)
Explanation
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की नेहरू लाइब्रेरी में मौजूद ई-संसाधनों की हर जानकारी अब मोबाइल एप से मिल सकेगी। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने एक वेबिनार के दौरान ऑनलाइन माध्यम से सीसीएसएचएयू-ई लाइब्रेरी एप को लांच किया।
Q 4: हरियाणा के किन दो जिलों ने ‘हर घर नल से जल जिला’ का खिताब जीता है?
- सिरसा और हिसार
- जींद और रोहतक
- भिवानी और महेंद्रगढ़
- पंचकूला और अम्बाला
Ans.(d)
Explanation
हरियाणा के दो जिलों-पंचकूला और अम्बाला ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत ग्रामीण घरों में शत-प्रतिशत नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के साथ ‘हर घर नल से जल जिला’ का खिताब हासिल कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर तक पाइप से पानी के कनेक्शन के माध्यम से सतत पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करना है।
Q5: हरियाणा में भूजल से सम्बंधित काडा का नाम बदलकर क्या किया गया है?
- सकाडा
- डीकाडा
- मिकाडा
- जकाडा
Ans.(C)
Explanation
हरियाणा में भूजल से सम्बंधित काडा का नाम बदलकर मिकाडा किया गया है?
1 Comment
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