5th March 2021 Daily Current Affairs
Haryana Institute of Civil Services Daily Current Affairs Notes |
DATE – 5 March 2021
चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य
संदर्भ:
हाल ही में, भारतीय चीनी-मिल संघ (Indian Sugar Mills’ Association- ISMA) ने सरकार से चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) को बढ़ाकर 34.50 रुपए प्रति किलोग्राम करने की मांग की है।
चीनी मूल्य निर्धारण नीति:
- चीनी के मूल्य बाजार के रुझानों के अधीन होते हैं और चीनी की मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर होते हैं। तथापि, वर्ष 2018 से, किसानों के हित-संरक्षण के उद्देश्य से चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (Minimum Selling Price– MSP) की अवधारणा लागू की गई है, ताकि यह उद्योग कम से कम, चीनी की न्यूनतम उत्पादन लागत निकाल सके, जिससे वह किसानों को गन्ने के मूल्य की बकाया राशि का भुगतान करने में समर्थ हो सके।
- सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए चीनी मूल्य (नियंत्रण) आदेश, 2018 अधिसूचित किया गया है।
- उक्त आदेश के प्रावधानों के तहत, सरकार न्यूनतम विक्रय मूल्य (MSP) तय करती है।
- चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य (एमएसपी) का निर्धारण गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (Fair & Remunerative Price– FRP) तथा सर्वाधिक कार्य कुशल मिलों की न्यूनतम परिवर्तन लागत घटकों को ध्यान में रखकर किया जाता है।
पृष्ठभूमि:
- संघीय / केंद्र सरकार द्वारा ‘उचित और लाभकारी मूल्य’ (FRP) की घोषणा की जाती है। इसका निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices– CACP) की अनुशंसाओं के आधार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा किया जाता है।
स्वच्छता सारथी फेलोशिप: वेस्ट टू वेल्थ मिशन
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपने “वेस्ट टू वेल्थ” (Waste to Wealth) मिशन के अंतर्गत “स्वच्छता सारथी फेलोशिप” (Swachhta Saarthi Fellowship) की शुरुआत की है।
स्वच्छता सारथी फेलोशिप के विषय में:
- उद्देश्य: इस फेलोशिप का उद्देश्य उन छात्रों, स्वयं सहायता समूहों, सफाई कर्मचारियों आदि को प्रोत्साहन प्रदान करना है जो निरंतर अपने प्रयासों से शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को कम करने में लगे हुए हैं।
- इस फेलोशिप के अंतर्गत प्रोत्साहन पुरस्कार को तीन अलग-अलग श्रेणियों में बाँटा गया है:
- श्रेणी-ए: यह श्रेणी उन स्कूली विद्यार्थियों के लिये है जो 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के हैं और सामुदायिक स्तर पर कचरा प्रबंधन के कार्यों में लगे हुए हैं।
- श्रेणी-बी: इसके अंतर्गत कॉलेज के उन छात्रों को प्रोत्साहन मिलेगा जो स्नातक, परास्नातक तथा शोध छात्र हैं और सामुदायिक स्तर पर कचरा प्रबंधन में लगे हुए हैं।
- श्रेणी-सी: इसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से समुदाय में कार्य कर रहे उन नागरिकों, नगर निगम कर्मियों और स्वच्छता कर्मियों को प्रोत्साहन मिलेगा जो अपने उत्तरदायित्व से आगे बढ़कर कार्य कर रहे हैं।
वेस्ट टू वेल्थ मिशन:
- यह मिशन अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पन्न करने, बेकार सामग्री के पुनर्चक्रण आदि के लिये प्रौद्योगिकियों की पहचान करने के साथ ही उनके विकास और उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
- “द वेस्ट टू वेल्थ” मिशन प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) के नौ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
- यह मिशन स्वच्छ भारत और स्मार्ट शहर जैसी परियोजनाओं में मदद करेगा, साथ ही एक ऐसा वृहद् आर्थिक मॉडल तैयार करेगा जो देश में अपशिष्ट प्रबंधन को कारगर बनाने के साथ-साथ उसे आर्थिक रूप से व्यवहार्य भी बनाएगा।
विश्व खाद्य मूल्य सूचकांक
सन्दर्भ
- फरवरी 2021 में लगातार नौवें महीने खाद्य की कीमतों में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि जुलाई 2014 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है
मुख्य बिंदु
- खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने कहा कि चीनी और वनस्पति तेलों की कीमतों में उछाल के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हैं। खाद्य मूल्य सूचकांक एक टोकरी के लिए मासिक परिवर्तनों को मापता है जिसमें अनाज, डेयरी उत्पाद, तिलहन, मांस और चीनी शामिल हैं।
- जनवरी में 113.0 अंक के मुकाबले फरवरी 2021 में सूचकांक 116.0 अंक पर आ गया था।
मूल्य सूचकांक में बदलाव
- फरवरी 2021 में एफएओ द्वारा प्रदान किया गया अनाज मूल्य सूचकांक 1.2% तक बढ़ गया है। ज्वार की कीमतें सबसे अधिक बढ़ी हैं। चीन में बढ़ी हुई मांग के कारण शर्बत के मूल्य सूचकांक में यह वृद्धि हुई है। मक्का और चावल के दाम भी बढ़ गए हैं जबकि गेहूं के निर्यात पर कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
- चीनी की कीमत में 6.4% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन में गिरावट और एशिया से मजबूत मांग के कारण वर्ष 2021 में आपूर्ति पर चिंताएं हैं।
- वनस्पति तेल के मूल्य सूचकांक में भी 6.2% की वृद्धि हुई है जबकि पाम तेल की कीमतों में नौवें महीने की वृद्धि हुई है। डेयरी उत्पादों की कीमतों में 1.7% की वृद्धि हुई है जबकि मांस सूचकांक में 0.6% की वृद्धि हुई है।
FAO का पूर्वानुमान
- खाद्य और कृषि संगठन ने 2020 के सीजन में अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 2.761 अरब टन कर दिया था। पहले इसका अनुमान 2.744 बिलियन था।
- फरवरी की तुलना में मार्च 2021 के लिए वैश्विक चावल उत्पादन पूर्वानुमान में 2.6 मिलियन टन की वृद्धि हुई थी।
खाद्य मूल्य सूचकांक
- खाद्य मूल्य सूचकांक खाद्य और कृषि संगठन द्वारा जारी किया जाता है।
- यह खाद्य वस्तुओं की टोकरी के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में मासिक परिवर्तन को मापता है।
Freedom in the World 2021 रिपोर्ट
सन्दर्भ
- अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित गैर सरकारी संगठन “फ्रीडम हाउस” ने हाल ही में वैश्विक राजनीतिक अधिकारों और स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की।
- इस रिपोर्ट की शीर्षक “Freedom in the World 2021 – Democracy under Siege” है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट में, लोकतंत्र और मुक्त समाज के रूप में भारत की स्थिति “आंशिक रूप से मुक्त” दर्शाई गयी है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि, ऐसा लगता है कि भारत ने वैश्विक लोकतांत्रिक नेता की अपनी क्षमता को छोड़ दिया है।
- इसने यह भी रेखांकित किया कि, मुक्त राष्ट्रों के ऊपरी रैंक से भारत की डाउनग्रेड रैंक वैश्विक लोकतांत्रिक मानकों पर प्रभाव को विशेष रूप से नुकसान पहुंचाएगी।
- भारत को 100 में से 67 का स्कोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत में राजनीतिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट दर्ज की गयी है।
पृष्ठभूमि
वर्ष 2018, 2019 और 2020 के लिए फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में भारत को “स्वतंत्र” के रूप में दर्जा दिया गया था। नवीनतम रिपोर्ट में, भारत का स्कोर 100 में से 67 था।
विश्व रिपोर्ट में स्वतंत्रता
विश्व में स्वतंत्रता रिपोर्ट को वर्ष 1973 में फ्रीडम हाउस द्वारा लॉन्च किया गया था। इस रिपोर्ट में, इसने स्कोर के आधार पर देशों में स्वतंत्रता के स्तर का आकलन किया और उन्हें “मुक्त”, “आंशिक रूप से मुक्त” या “मुक्त नहीं” घोषित किया।
Current affairs MCQ
Q1: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के बिलों की शिकायतों के निवारण हेतु किस योजना को शुरू किया गया है?
- बिल देखो योजना
- बिजली जनता दरबार
- अपने बिल को जानो
- इनमे से कोई नही
Answer: (c) अपने बिल को जानो
हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के निपटारे के लिए ‘अपने बिल को जानो’ योजना शुरू की गई है। इस बारे में जानकारी देते हुए बिजली निगम के प्रवक्ता ने बताया कि, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) द्वारा ये योजना शुरू की गई है। जिसके तहत यूएचबीवीएन के सभी जिलों (पंचकूला, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, कैथल, सोनीपत, पानीपत, रोहतक और झज्जर) में खुले दरबारों का आयोजन किया जाएगा।
Q2: हरियाणा के किस जिला को बेहतर प्रबंधन के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया गया है?
- करनाल
- फतेहाबाद
- महेंद्रगढ़
- कुरुक्षेत्र
Answer. (d) कुरुक्षेत्र
बेहतर प्रबंधन के लिए हरियाणा को कृषि मंत्रालय ने दिया अवॉर्ड हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला को किसानों के आधार व लाभपात्रों की लाभ राशि सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान किए जाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्यों के लिए बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
Q3: हरियाणा के पहले जेल रेडियो की शुरुआत किस जिले में की गई?
- पानीपत
- अम्बाला
- फरीदाबाद
- हिसार
Answer. (b) अम्बाला
Explanation
हरियाणा की जेलों में जेल रेडियो का पहला चरण पूरा हो गया है। अंबाला सेंट्रल जेल ने अपने करीब 1100 बंदियों के लिए अपना जेल रेडियो शुरू कर दिया है। इसी जेल में 1949 में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को फांसी दी गई थी। जेल रेडियो का उद्देश्य जेल में कला और रचनात्मकता को बढ़ावा देना है। बुधवार को इस जेल रेडियो का उद्घाटन गृह और जेल एसीएस (आईएएस) राजीव अरोड़ा, हरियाणा जेल महानिदेशक के. सेल्वराज, अंबाला जेल के सुपरिंटेंडेंट लखबीर सिंह बरार और तिनका-तिनका फांउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नन्दा ने किया।
Q4: वाटर अथॉरिटी बनाने वाला हरियाणा कौन सा राज्य बना है?
- 2वां
- 5वां
- 7वां
- 11वां
Answer: 5वां
Q5. किस नदी में अमोनिया नाइट्रोजन पर रोक लगाने के लिए एक संयुक्त अध्ययन समूह और निगरानी दल का गठन किया गया ?
- गंगा नदी
- यमुना नदी
- घग्गर नदी
- कृष्णा नदी
Answer (b): यमुना नदी
यमुना नदी में अमोनिया नाइट्रोजन पर रोक लगाने के लिए एक संयुक्त अध्ययन समूह और निगरानी दल का किया गया गठन
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यमुना नदी में बार-बार अमोनिया नाइट्रोजन में बढ़ोतरी के मुद्दे और अल्पकालिक व दीर्घकालिक सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता पर चर्चा करने के लिए 4 जनवरी को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, हरियाणा और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की।